Saturday 11 February 2017

शरभपुरीय वंश,पाण्डुवंश,सोमवंश,बाण वंश,पर्वत द्वारक वंश

                   शरभपुरीय वंश
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        राजधानी--शरभपुर (वर्तमान संबलपुर)

        उप राजधानी--श्रीपुर(सिरपुर)

        संस्थापक--शरभराज               
  
       
● प्रमुख शासक :--

   1) नरेंद्र -

   2) प्रसन्नमात्र --सर्वाधिक प्रतापी राजा
                  ● निडिला नदी (लीलागर) के किनारे
                  ● प्रसन्नपुर (मल्हार) की स्थापना किया।
                  ● विष्णु भक्त था
                  ● गरुण, शंख ,चक्र आदि सिक्के चलाये

   3) प्रवर राज --सिरपुर को राजधानी बनाया।

   4) सुदेव राज--

   5) प्रवर राज-2--इंद्रबल ने प्रवर राज-2 को मारकर
                          पाण्डुवंश की नींव डाली

नोट :-- 1) ताम्र पत्र आरंग व मल्हार से मिले।
 
          2) इस वंश के शासक वैष्णव धर्म के उपासक
              थे ।

         3) इस वंश ताम्र पत्रो व सिक्को में "गजलक्ष्मी"
             के चित्र उत्कीर्ण थे।

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               सिरपुर के पाण्डुवंश या सोमवंश

  राजधानी--श्रीपुर (सिरपुर)

● इस वंश की दो शाखा थी
     1) मैकल श्रेणी वालो को पाण्डु वंश कहा गया।
     2) दक्षिण कोशल वालो को सोम वंश कहा गया।

● प्रसिद्ध शासक

    1) उदयन -आदिपुरुष कहा जाता है ।

   2) इन्द्रबल --पाण्डुवंश की स्थापना की।    

   3) नन् राज प्रथम

  4) महाशिव तीवरदेव-- उपाधी-सकलकोशलाधिपति
                                -  पाण्डुवंश का उत्कर्ष कल

  5) ननदेव -2--- उपाधि-कोशलमंडलाधिपति
              ताम्रपत्र -अंढ़भार (जांजगीर) से प्राप्त हुआ।

   6) चंद्रगुप्त

  7) हर्षगुप्त---

        विवाह--मगध के मौखरी राजा सूर्यवर्मा की पुत्री
                  वासटा देवी से हुआ।
       
      ● हर्षगुप्त की मृत्यु के बाद उसकी स्मृति मे
         वासटा देवी ने (600 ई.) में सिरपुर के लक्ष्मण
         मंदिर का निर्माण पारम्भ करायी ।

      ● पुत्र --महाशिवगुप्त बालार्जुन

    8)  महाशिवगुप्त बालार्जुन (595-655 ई.)--
 
        राजधानी- सिरपुर

● इसका शासन काल छत्तीसगढ़ इतिहास का स्वर्ण
 काल कहा जाता है

● ह्वेनसांग 639 ईसा को छत्तीसगढ़ की यात्रा की           और अपनी रचना सी-यु-की में छत्तीसगढ़ को किया-सलो नाम से वर्णन मिलता है।

●  सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर का निमार्ण कार्य पूरा किया।

● शैव धर्म का उपासक था।

● महाशिवगुप्त बालार्जुन ,हर्षवर्धन ,पुलकेशिन-2 तथा          नरसिंहवर्मन का  समकालिक था।

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                मैकल के पाण्डु वंश
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राजधानी-अमरकंटक

शासक--1) जयबल    2) वत्सबल    3) नागबल
       
           4) भरतबल   5) शुरबल

नोट :--कलचुरियों से संघर्ष करने वाला प्रथम वंश ।

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          उड़ीसा के सोम वंश (संस्थापक -शिवगुप्त)
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शासक--महाभवगुप्त जन्मजेय

अंतिम शासक -- उदयोग केसरी

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            बाण वंश
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राजधानी--पाली ( कोरबा )

संस्थापक--महामंडलेश्वर मल्ल देव

इसने पाली के शिव मंदिर का निर्माण करवाया,

पाली में काल्पनिक पशु का चित्र है जिसका शरीर सिंह

तथा सर अन्य जीव का है ।

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          पर्वतद्वारक वंश
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शासक-- 1) सोमन्नराज  2) तुष्टिकर

क्षेत्र--देवभोग रायपुर क्षेत्र

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