1) कल्चुरी वंश ( रतनपुर और रायपुर शाखा)
2) फणि नागवंश (कार्वधा)
3)सोम वंश (कांकेर)
4)छिन्दकनागवंश (बस्तर)
5) काकतीय वंश (बस्तर)
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कल्चुरी वंश (1000-1741)
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संस्थापक- कलिंगराज
प्रमुख शासक-----
1)कलिंगराज (1000-1020)
राजधानी-तुम्माण
चौतुरगढ़ के महामाया मंदिर का निर्माण कराया ।
2) कमलराज (1020-1045)
3) रत्नदेव (1045-1065)
●1050 में रतनपुर शहर बसाया व उसे राजधानी बनाया।
● महामाया मंदिर का निर्माण करवाया।
● रतनपुर में अनेक मंदिर व तालाब का निर्माण करवाया ।
● रतनपुर को कुबेरपुर भी कहा जाता है।
4)पृथ्वीदेव प्रथम
उपाधि-सकलकोशलाधिपति
●तुम्माण का पृथ्वीदेवेश्वर मंदिर का निर्माण
●रतनपुर का विशाल तालाब
●तुम्माण में बँकेश्वर मंदिर में स्थित मंडप का निर्माण करवाया।
5) जाजल्लदेव (1095-1120)
● गजशार्दूल की उपाधि धारण किया अपने सिक्के में अंकित कराया ।
● जांजगीर शहर बसाया।
● पाली के शिव मंदिर का जिर्णोधार करवाया ।
● जगतपाल इसका सेनापति था ।
● छिन्दक नागवंशी शासक सोमेश्वर को हराया ।
6) रत्नदेव द्वतीय (1120-1135)
● अनन्तवर्मन चोड्गंग (पूरी के मंदिर का निर्माण करवाया था) को शिवरीनारायण के समीप युद्ध में हराया।
7) जाजल्लदेव द्वतीय(1165-1168)
8) जगतदेव (1168-1178)
9) रत्नदेव तृतीय (1178-1198 )
10) प्रतापमल्ल ( 1198-1222 )
● कलचुरियों का अंधकार युग कहलाता है।
11) बहरेंद्र साय (1480-1525 )
●कोसगई माता का मंदिर बनवाया ।
12) कल्याण साय (1544-1581 )
●अकबर का समकालिक था ।
● जमाबंदी प्रणाली शुरू किया । इसी के तर्ज पर कैप्टन चिस्म ने छत्तीसगढ़ को 36 गढ़ो में विभाजित किया ।
13) लक्ष्मण साय
14) तखतसिंह
●तखतपुर शहर बसाया था ।
15) राजसिंह
● गोपाल सिंह (कवी) राज दरबार में रहता था।
रचना--खूब तमाशा
16) सरदार सिंह
17) रघुनाथ सिंह
● अंतिम कल्चुरी शासक
● 1741 में भोसले सेनापति भास्करपंत आक्रमण कर छत्तीसगढ़ में कलचुरियो की शाखा समाप्त किया ।
17) मोहन सिंह
● मराठों के अधीन अंतिम शासक
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कलचुरियो की लाहौरी शाखा
● राजधानी-- खलबाटिका (खल्लारी)
● संस्थापक--केशव देव
● प्रमुख शासक:--
● रामचंद्र देव -रायपुर शहर बसाया ।
● ब्रम्हदेव-- 1409 में रायपुर को राजधानी बनाया।
● रायपुर में दूधाधारी मठ बनवाया।
● 1415 में देवपाल नामक मोची ने खल्लारी माता का मंदिर का निर्माण किया।
● अन्य शासक-- लक्ष्मीदेव
सिंघण देव
अंतिम शासक--अमरसिंह--1750 में मराठों ने हराया।
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