प्राकृतिक विभाजन के अनुसार चार भागों में बांटा गया है
(१)-सरगुजा बेसिन(पूर्वी बघेलखंड का पठार)
(२)-जशपुर सामरी पाट प्रदेश
(३)-महानदी बेसिन
(४)-दण्डकरण्डय का पठार
(1)-सरगुजा बेसिन---इसे पूर्वी बघेलखंड का पठार भी कहा जाता है।
● क्षेत्रफल--21863 वर्ग किलोमीटर
● शैल--गोंडवाना शैल से निर्मित
● अपवाह तंत्र--सोन-गंगा अपवाह तंत्र(प्रमुख नदि- बनास,गोपथ,रिहन्द और कन्हार)
● मिट्टी--लाल पीली
● खनिज--मुख्य रूप से कोयला
●औसत वर्षा-- 125 से 150 सेंटीमीटर
●बनस्पति--उष्णकटिबंधीय आद्र शुष्क पणपाती
(2)-जशपुर सामरी पाठ प्रदेश--क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा पाठ प्रदेश ।
● छोटा नागपुर के पठार का हिस्सा हैं।
● क्षेत्रफल--6208 वर्ग किलो मीटर
● भूगर्भिक बनावट-दक्कन ट्रेप से निर्मित
● औसत वर्षा--172 सेंटीमीटर
● वनस्पति--उष्ण आर्द्र पणपाती वन
● खनिज --बाक्साइड
● जलवायु--उष्णकटिबंधीय मानसूनी प्रकार
● प्रमुख पाठ--
(1) -जशपुर पाठ-सबसे बड़ा पाठ
(2)-समरी पाठ-छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची
चोटी गौरलाटा(1225 मीटर)स्थित है।
(3)-मैनपाठ--सरगुजा जिला मै स्थित है।
● तिब्बतियों का शरण स्थल।
● छत्तीसगढ़ का शिमला।
● छत्तीसगढ़ का इको पॉइंट।
(4)-पंड्रापाठ- जशपुर
(5)-जरंगपाठ-सरगुजा
(6)-जामीर पाठ--सरगुजा
(3)महानदी बेसिन-छत्तीसगढ़ के मैदान नाम से भी
जाना जाता है।
● क्षेत्रफल--68064
● कडप्पा चट्टान से निर्मित
● प्रमुख खनिज--चुना
● अन्य खनिज-डोलोमाइट,सोना,हिरा,आदि
● औसत ऊँचाई--330 मीटर
● जलवायु--उष्णकटिबंधीय मानसूनी
● औसत वर्षा--125 सेंटीमीटर।
●नोट----महानदी बेसिन को दो भागों में बांटा गया है।
1--पश्चिमी सीमांत उच्च भूमि-यह मैकल श्रेणि
का हिस्सा है।
● उँची चोटी-- बादरगढ़(1176 मीटर)
● कवर्धा और राजनंदगांव मैं फैला हुवा है।
2--पूर्वी सीमान्त उच्च भूमि--महासमुंद,रायगढ़
सबसे ऊंची चोटी---शिशुपाल पहाड़ पर
धारीडोंगर (899मीटर) है।
(4)--बस्तर या दण्डकरण्य का पठार--
● क्षेत्रफल--39060
● ऊँची चोटी--नंदिराज(बैलाडीला)
● वर्षा--187 सेंटीमीटर
● जलवायु--मानसूनी
● भुगर्भिक बनावट--धारवाड़,ग्रेनाइड एवं निस्स
पत्थर से
नोट----1-टिक किस्म का सागौन पाया जाता है।
2-साल वनों का द्वीप कहलाता है।
3-गोंडों की भूमि कहलाती है।
4- सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र अबूझमाड़ है।
5-खनिज- लोहा , हिरा , टीन आदि पाये जाते
है।
Gazab
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