छिन्दकनागवंश (1023-1324)
राजधानी-चक्रकोट
संस्थापक--नृपतिभूषण
प्रमुख शासक--
1) नृपतिभूषण--ऐर्राकोट अभिलेख से जानकारी प्राप्त होती है
2) धारावर्ष --बारसूर में तालाब व शिवमंदिर बनवाया ।
4) मधुरांतक देव -- नरबली का प्रमाण मिलता है ।
5) सोमेश्वर देव--जाजल्लयदेव प्रथम से हरा।
6) सोमेश्वर देव दुवितीय-
7) जगदेव भूषण
8) हरीशचंद्र देव--अंतिम शासक
नोट:--1) छिन्दक नागवंशियों ने मामा भांचा मंदिर बनवाये।
2) ये कलचुरियों के समकालीन थे।
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काकतीय वंश(1324-1961)
संस्थापक--अन्न्मदेव
राजधानी--मंघोता
प्रमुख शासक
1) अन्न्मदेव (1324-1369)
● दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर का निर्माण कराया।
● चक्रकोट से राजधानी मंघोता ले आया।
2) हम्मीरदेव (1369-1410)
3) भैरवदेव (1410-1468)
4) पुरुषोत्तम देव (1468-1534)
● मंघोता से राजधानी बस्तर लाया।
● बस्तर का दशहरा,गोंचा पर्व,बस्तर की रथ
यात्रा प्रारंभ करवाया।
5) प्रतापराज देव (1602-1625)
● बस्तर की सेना से गोलकुंडा के कुलिकुतुब
शाह पराजित हुआ।
6) जगदीशराज देव
7) वीरसिंह देव
● राजपुर का दुर्ग बनवाया
8) राजपाल देव
9) चंदेल मामा
10) दलपतदेव (1331-1374)
● 1770 राजधानी बस्तर से जगदलपुर
परिवर्तन किया ।
● इसके शासनकाल में रतनपुर भोसलों के अधीन
आया।
11) अजमेर सिंह(1774-77)
● क्रांति का मसिंहा।
12) दरियाव देव (1777-1800)
● 1777 के युद्ध में अजमेर सिंह के विरुद्ध
षडयंत्र कर मराठो की सहायता की
● 6 अप्रेल 1778 दरियाव देव ने कोटपाल
की संधि की ,परिणामस्वरूप बस्तर नागपुर
रियासत के अंतर्गत रतनपुर के अधीन आ
गया।
● बस्तर छत्तीसगढ़ का अंग बना।
● 1795 में भोपालपट्टनम संघर्ष हुआ।
13) महिपाल देव(1800-1842)
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